बिन्नी बस प्रकाश को देखे जा रहे थी... कितना दुख दिया था प्रकाश की शराब की आदत ने उसे... प्रकाश उसके साथ मारपीट करता अपनी सारी कमाई भी प्रकाश ने अपनी इस लत के हवाले कर दी थी पर प्रकाश की दोनों किडनी के खराब हो जाने पर सिर्फ बिन्नी ने उसकी मदद की उसे अपनी एक किडनी देकर नई जिंदगी दी आज प्रकाश को पहली बार अपनी गलती का अहसास हुआ जो उसकी आंखों में आंसू बन बह रहे थे पर प्रकाश की आंखों में आंसू देख बिन्नी का मन विचलित हो रहा था।
मुझे अपने पापो की सजा मिलनी चाहिए बिन्नी मैंने तुम्हें इतना दुःख दिया तुम मुझे सजा दोगी तभी मैं अपने पापो से मुक्त हो पाऊंगा।
मैं तुम्हें क्या सजा दूं प्रकाश.... सजा तो ईश्वर ने पहले ही तुम्हें दे दी है अगर अब भी तुम मेरे मौन को मेरी कमजोरी समझोगे तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा दर्द होगा इतना कहकर बिन्नी ने कुल्हाड़ी ली और खेतों की ओर चल दी।
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