शून्य सा अस्तित्व

शून्य सा अस्तित्व

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Hem Lata Srivastava
Hem Lata Srivastava 14 Dec, 2020 | 1 min read

हाँ माना शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की थी,

पर शून्य के बिना धरा पर क्या किसी का है अस्तित्व यहाँ,

धरती भी तो एक शून्य के आकार की तरह ही है गोल,

ज़ीरो की कहानी कुछ इस तरह लिखती हूँ मैं अपनी जुबानी,नज़रों में था नगण्य (शून्य) सा अस्तित्व  मेरा, 

बस सबकी खातिर जिंदगी जिए जा रही थी एक शून्य की तरह,

सबकी नज़रों में थी खटकती सी मैं,फिर भी खुद की आँखों से न टपकने दिया एक मोती मैंने,

मोती भी तो आकार में होता है एक शून्य की तरह,

अचानक एक रोज़ एक हवा का झोंका मेरे मन को महका सा गया,शून्य से निकल खुद को हीरो बनाने का रास्ता यूँ दिखा गया,

खुद में छिपे हुनर को चमकाने का हुनर वो सिखा गया,

खुद को साबित करने की राह पर निकल पड़ी कुछ इस तरह,जीरो को जीरो से हरा कर आज मैं खड़ी हूँ एक नायिका की तरह।








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