बेटी का पहला पदक

बेटी का पहला पदक

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Hem Lata Srivastava
Hem Lata Srivastava 21 Jul, 2022 | 1 min read

चीफ गेस्ट के हाथों जब आरोही को पहला मेडल पहनाया जा रहा था मेरी आँखों से अश्रु धारा बह निकली और मै अतीत में खो गयी।

बेटी आरोही के मुँह से पहला शब्द माँ सुनने के लिए मैंने दो साल तक इंतजार किया पर जब वो कुछ न बोली तो चिंता में डूबे हम माता-पिता डाक्टर के पास गये सब कुछ चेक करने के बाद डाक्टर ने बताया आपकी बेटी बोल नहीं सकती, सुनते ही हम दोनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। 

डाक्टर ने सांत्वना देते हुए कहा ये बोल तो नहीं सकती पर सुन सकती है आप परेशान मत होईये सांकेतिक भाषा में सब समझ लेती आपकी बेटी। 

 अब मन में पहला शब्द सुनने से ज्यादा उसके भविष्य की चिंता होने लगी थी तभी सोहन बोले अरे क्यों परेशान होती हो सब ऊपर वाला ठीक करेगा और सोहन ने जी-जान लगा बेटी को अच्छी धावक बना दिया। 

आज सच में मुझे और सोहन को आरोही के लिए बोले जा रहे सम्मान के शब्दों को सुन हम दोनों खुशी से झूम उठे थे।

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