Hem Lata Srivastava
10 Jun, 2021
सफर
कुछ थे सहमे से, इस नये सफर में हमारे कदम,
रखा था जिस रोज हमने आपके आँगन में अपने कदम ।
कांपता सा बदन, डरा हुआ सा था दिल हमारा ,
रखा था जिस रोज हमने आपके आँगन में अपने कदम ।
अनजान थे वो रास्ते,अनजान सभी थे रिश्ते,
रखा था जिस रोज हमने आपके आँगन में अपने कदम ।
हाथ थाम आपका चल पड़े आपके साथ विश्वास दिल में था भरा,
अर्पण किया जिन्हें सब वो सम्हालेंगे मेरे कदम
मुश्किलों भरे इस सफर में,अनजान डर दिल में लिए पर विश्वास आप पर कर,
रखा आपके आँगन में कदम
आंसू ढलक निशाँ गालों पर बनाएं
इससे पहले ही आपने पहलू में छिपाया आपने ,
अब कोई ख्वाहिश नहीं, बाकी न कोई शिकवा है सनम ,
हर भूल मेरी माफ़ करना, है इल्तज़ा मेरे सनम ,
एक तमन्ना है बस इस दिल में ,
चलना इस सफर में संग मेरे मिला क़दमों से कदम ।
Hem lata srivastava
I
Paperwiff
by hemlatasrivastava
10 Jun, 2021
#दिल से
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.