Hem Lata Srivastava
19 Jul, 2021
बारिश
तपिश से जलती, तप्ती धरा पर बारिश की दो ही बूंदों ने जैसे अमृत सी राहत दी है ,
यहाँ, वहां, इधर- उधर धीरे से मानों मानसून ने दस्तक दी है ,
सूखे से, मुरझाये से खड़े दरख्तों पर बूँद जैसे मोती से चमक रहे हैं ,
गर्द धूल की जिन पर जम गयी थी बूंदों में नहाकर निखर गयी है ,
सुर्ख लाल दहकते चेहरों पर एक बार रौनक फिर लौट आई है ,
मौसम की पहली ही बारिश में हर ओर हरियाली सी छा गयी है ॥
Paperwiff
by hemlatasrivastava
19 Jul, 2021
पहली बारिश
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