जब तु हंसी होगी...

कुछ मन से कुछ अपने खास के लिए।

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Hari Om Chauhan
Hari Om Chauhan 11 Apr, 2020 | 0 mins read

धरा मुड़ी होगी, गगन झुका होगा।

पवन चली होगी, जब तु हँसी होगी।।

बादल बहके होगे, मौसम महके होगे।

चिड़िया चहकी होगी, जब तु हँसी होगी।।

चाद छुपा होगा,सूरज उगा होगा।.

समय रूका होगा, जब तु हँसी होगी।।

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Hari Om Chauhan

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