Firdous Khan
02 Nov, 2022
ख़ुदकुशी
तुम्हारा तल्ख़ लहजा सुन के ऐसा मो'जज़ा गुज़रा
मेरे आँसू तो जी उठ्ठे हँसी ने ख़़ुदकुशी कर ली
तुम्हारा फ़ोन खुद काटू तो ये महसूस होता है
कि जैसे आख़री साँसों को गिनते ख़ुदकुशी कर ली
-फ़िरदौस
Paperwiff
by firdouskhan
02 Nov, 2022
दो शेर
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.