कल्पनाओं के सागर में भी जब हिलोरें लेते हैं,
हिंदी संग तब भी भारतीय सपने संजो लेते है।
जीवन का हर सुख और हर दुख पिरोते हैं,
हाँ हिंदी वो भाषा है जिसमें भाव संजोते है।
जाने कब भाषा रुह में हमारे समा जाती है,
सच कहूँ तो माँ के गर्भ से हमें आ जाती है।
सुखद साथ हमारे चेहरे पर नूर ले आता है,
हिंदी बोलना गौरव की अनुभूति हो जाता है।
आज विश्व भर में हिंदी का श्रेष्ठ सम्मान है,
हिचक न लाएं भाषाओं में इसका विशिष्ट स्थान है।
आओ मिलकर हम सब हिंदी का सम्मान करे,
हर दिशा में हर कोने में इसे सर्वश्रेष्ठ स्थान दे।
एकता कोचर रेलन, सोनीपत
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut achi rachna😊
शुक्रिया सोनिया 🌹
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