ज़िन्दगी बदल गई

छोटी-छोटी ख्वाहिशें पल में बदल गई , मुठ्ठी भर थी जो खुशियां सबकी जरूरतों में बदल गई।

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 09 Feb, 2021 | 1 min read
#1000poems

 ज़िन्दगी बदल गई

छोटी-छोटी ख्वाहिशें पल में बदल गई ,

मुठ्ठी भर थी जो खुशियां सबकी जरूरतों में बदल गई।

ना पूछो यारो!! कैसे जिंदगी बदल गई।

कहानियां जो रहती थी पन्नों के रंगों तक सीमित,

जीवन के धरातल पर खुशी गम के सागर में बदल गई।

ना पूछो यारो!! कैसे जिंदगी बदल गई।

अपनेपन से सजा हर कोना चकाचौंध में हो रहा शामिल,

कच्चे आंगन की खुशियां शहरों के दिखावे में बदल गई।

ना पूछो यारो!! कैसे जिंदगी बदल गई।

गुड़,चीनी,मक्खन, लस्सी, नींबू पानी कितने लजीज स्वाद थे हमारे,

आज टेस्ट ज्यूं मैक डी,पास्ता, पिज्जा, शेक्स, स्मूदी में बदल गई

ना पूछो यारो!! कैसे जिंदगी बदल गई।

एकता बचपन बीता सबका उंमगें लिए ,

मिला संघर्ष जिंदगी में ख्वाहिशें सर्वत्र सुख जुटाने में बदल गई।

ना पूछो यारो!! कैसे जिंदगी बदल गई।

एकता कोचर रेलन

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