हो ----ली !!
अपनेपन से रंगा हुआ,
भीनी खुशबू से सजा हुआ।
कितना प्यारा त्यौहार ये होली!
भूले पल में अपना -पराया!!
हर और मस्ती का आलम छाया-
हो ----ली जो हो---ली !!!!!!!
ना कोई शिकवा ना करो शिकायत,
हर रंग कहे अपनी अहमियत।
नीला,पीला,आसमानी या सफेद-
देखो धुल गये मन के सारे भेद!!
हर और मस्ती का आलम छाया-
हो ----ली जो हो---ली !!!!!!!
ये रंग जीवन की बहुमूल्य धरोहर,
सुख -दु:ख का ज्यूं अद्भुत संगम।
इंद्रधनुषी रंग से ज्यूं जीवन में आये-
चलो सब मिलकर होली मनाएं।
हर और मस्ती का आलम छाया-
हो ----ली जो हो---ली !!!!!!!
धर्म राजनीति का भेद मिटाकर,
हर किसी को गले लगाकर!
हवाओं में खुशबू अपनेपन की लुटाएं-
चलों गुलाल लगा रंगमय हो जाएं।
गिले-शिकवे सब मन से मिटाएं।
हर और मस्ती का आलम छाया-
हो ----ली जो हो---ली !!!!!!!
एकता कोचर रेलन
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
अति सुन्दर
Vinita ji shukriya
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