उफ्फ ये ग़ज़ल

इन मात्राओं में घूम जाते हैं हम गोल -गोल, बड़ा मुश्किल है समझना इसका रोल।

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 16 Mar, 2021 | 1 min read
Enjoyment Bonding between couple Festival of colour unity Sanskriti

उफ्फ ये ग़ज़ल


इन मात्राओं में घूम जाते हैं हम गोल -गोल,

बड़ा मुश्किल है समझना इसका रोल।


कब बनेगा काफिया कब बने रदीफ,

 समझ पाई इतना ही बाकि लगे हिस्ट्री और भूगोल।


 मात्रा सीखते लगे मानो चढ़ी दुबारा नर्सरी सीढ़ी,

सिखाने को टीचर जी को पीटने होंगे फिर ढोल।


जाने कैसे पचाया होगा रट- रट कर तब हमने,

 मात्राभार पचाने की खातिर ले क्या इसबगोल।


एकता कहे राह बड़ी कठिन शुद्ध ग़ज़ल की,

सीखें जो समझूं मैं उसका ज्ञान सबसे अनमोल।


एकता कोचर रेलन

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