अपूर्ण हुए तो क्या हुआ !!

अपूर्ण हुए तो क्या हुआ हम लाचार नहीं कहलाएंगे!!

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 16 Feb, 2021 | 1 min read
#1000 poems

पंखों को अपनी नई उड़ान दे जाएंगे,

 हम वो परिंदे हैं आसमां में घर बनाएंगे।


दिल की बातें दिल में ना रख पाएंगे,

 देखना इक दिन  सपने सच कर दिखाएंगे।


ऊंच-नीच को हम ना समझे अपनी यारी सच्ची है, कुछ -तुम समझो! कुछ हम समझे! अपनी दोस्ती पक्की है।


बिखेर रही कुदरत खुशबू अपनी हर ओर हवाओं में,

 बिना रंग भेद मिलकर एक दूजे का उत्साह बढ़ाएंगे।


भर लो तुम हौसले मन में कदम से कदम मिलाएगें,

इन नन्हीं अंखियों में खुशियों के मोती भरते जाएंगे।


नादान है जो निराश हुए राह में हम ऐसा ना कर पाएंगे,

अपूर्ण हुए तो क्या हुआ हम लाचार नहीं कहलाएंगे।


एकता कोचर रेलन


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Ektakocharrelan

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