वो आंगन जहां हर पल बिताया जाता है एक पल वो भी आता है जब हर बेटी को छोड़ना पड़ता है वो अंगना!!
अनगिनत खूबसूरत लम्हें बिटिया उसी दहलीज पर सौंप जाती है अपनी भाभी के रूप में अपनी सखी(बहन) को !!
इस बंधन की डोर में मिठास घोल हर बेटी बस अपनी दुआओं में ढेर सारा आशीष, स्नेह दुआएं दे जाती है।।क्यूंकि हर बिटिया के लिए उसके माँ-बाबा का घर किसी राजघराने से कम नहीं होता ।उसके लिए हर वो चीज़ अनमोल है जो मायके की भीनी याद से जुड़ी है। हजारों बलाएं ले उसकी इन्हीं दुआओं में शामिल होती है इक यही दुआ जहां हर ननद बस अपनी प्यारी भाभी से सिर्फ़ इतनी ही ख्वाईश रखती है कि उसकी जगह अब वो माँ-बाबा की गुड़िया बन जाये और पा ले वो सारा प्यार!! जो समेटे सिमटता नहीं!!
खवाईश करती है कि:
?भाभी तू मान रखना?
भाभी तू मान रखना
माँ- बाबा का ख्याल रखना
सर आँखों पर तुझे बिठाऊं मैं,
ना तू कोई मन में खिंचाव रखना
भाभी तू मान रखना
जा रही हूँ दहलीज को पार करके
तू बस एक मुस्कान रखना
तेरी मुस्कान से ही उनका जीवन
ना तो कोई मन में मुटाव रखना
भाभी तू मान रखना
तू हमको जान से प्यारी
तुझसे ही महके बगिया हमारी
माँ--बाबा सा ही इनका मान रखना
ना तू कोई मन में तनाव रखना
भाभी तू मान रखना
कह देना खुलकर माँ को हर बात
पिता का रहेगा हरदम सर पर हाथ
पीहर जैसा ही प्यार रखना
ना तू कोई मन में सवाल रखना
भाभी तू मान रखना
तेरे कदमों से ये घर बना स्वर्ग
तुझसे ही वो उनसे ही तुम
मिलजुल कर रिश्तों की सौगात रखना
ना मन में कोई गांठ रखना
भाभी तू मान रखना
एकता कोचर रेलन
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