मेरी आंखों में सारा संसार रहता है,
दिल में सबके लिए प्यार रहता है।
हाथ मेरे उठते बस दुआ की खातिर,
परिवार और लेखन के नाम दिन -रात रहता है।
खुश रहती हूँ अपनों को खुश देख कर,
लबों पे बस मधुरता का साथ रहता है।
बच्चों संग बच्ची बन तोड़ती चांद-तारे
बुजुर्गों का सिर पर आशीष रहता है।
जिंदगी जीने का बस यही अंदाज है,
तृप्त हूँ ,शिकन का न साथ रहता है।
एकता कोचर रेलन
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
खूबसूरत रचना
मैम एक अनुरोध है कृपया रचना के संग व्यक्तिगत तस्वीर न संलग्न करें
Thanku Sandeep sure i will take care
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