आज इक झूठ बोलकर वो कुछ इस अन्दाज से बोले
कि इक रिश्ता तो उन्होंने हमारी खातिर भी ढूंढा है
हमारे प्यार का? अरे तुम भी सुनो !
क्या अजब तोहफा हमे मिला है
वो कहते है वो बेहद प्यारा है
तुम उसे पाकर खुश रहोगी ये मेरा दावा है।
पर. जो ये उनके ख्यालात है
हमारे लिए बेहद दर्दनाक है
उन्हें क्या मालूम कि वही चाँद है
वही तारा है
इक उन के सिवा किसी और का साथ
भला हमें ये कैसे ग्वारां है
उठते बैठते हर पल मन में यही इक ख्याल है
हर पल मन में बस यही इक सवाल है
कि नहीं ऐ मेरे हजूर तुम्ही हो इन आंखों के नूर
तुम्ही साथ न रहे तो हम जीते जी न जी पाएगें
तुम्हारे बिना तो हम इस जीवन की कल्पना भी न कर पाएंगें
छोड़ दिया जो तुमने साथ हमारा, तो खुदा से उन लम्हों में बस यही फरियाद होगी
कि रही हमारी उम्र भी तुम्हे मुख्तलिक हो
तुम्हे मिली हर खुशी हमारी आरजू से भी ज्यादा मुबारक हो
क्या तुम इन सब बातों से सहमत हो
अगर नही तो फिर न कहना कि तुमनें
हमारी खातिर इक रिश्ता ढूढा है
ढूढना ही चाहते हो तो हमारे लिए खुद को ढूंढ दो
देना ही चाहते हो तो हर पल के लिए अपना साथ दे दो
हमारे लिए वो पत्थर के टुकड़े नही इक
हीरो सा जड़ा रिश्ता ढेरों
जब कहीं न मिले मेरे मुताबिक वो तो बस ठहर जाना
वो कौई और नहीं तुम्ही तो हो
ढूंढना चाहते हो तो खुद को मेरे लिए ढूंढ दो
बस ढूंढ दो.....
बस ढूंढ दो.....
एकता कोचर रेलन
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