देख टीचर क्लास को
खड़ी थी मुस्काय
तक रही हूँ राह तुम्हारी
बड़े बच्चें तो स्कूल आये
नन्ही भोली सी बातें तुम्हारी
जी बहुत ललचाये
तुम्हरे बिन मेरे बच्चों
अब रहा ना जाये
माना जब तुम आओगे
सर थोड़ा चकरायेगा
सारा दिन चिल्ला चिल्ला कर
थोड़ा गुस्सा भी आयेगा
पर कितनी यादें जहन में ऐसी
रह रह बितायूं इक चातक जैसी
ब्लैकबोर्ड हो या बैंच फिर यहां
सब ऐसे जैसे बरसों बीते यहां
आन लाइन में वो मज़ा ना आया
आधा अधूरा ज्ञान जो तुमने पाया
चाक डस्टर और प्रोजेक्टर सारे
मुरझाए यूं धूल में बेचारे!!
बार- बार तुम्हारा
कलास में पास आना
शिकायतें लगाना !!
कि मैम कुछ सुन ना पाया!!
आ रहा सब याद मुझको
तुम जल्दी अब आओ ना!!
जहन में आकर बच्चों यूं तरसाओ ना
तुम्हारे भविष्य का सवाल है
अब हर पल तुम्हारा ख्याल है
एकता कोचर रेलन
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut sahi...❤️❤️
Thanku shubhangi ji🌹🌹
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