मखमलीआँचल

मखमली आँचल

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 16 Feb, 2021 | 1 min read
#1000 poems

मेरा हाथ पकड़ कर सो जाएं 

मखमली ये आँचल उसको भाये

 जाने क्या सुकून सा वो पाएं

मेरे बिना बेचैन सी वो हो जाएं

कभी कभी खूब डांट भी खाये

पर बिन इक दूजे के चैन कहां आये

हर माँ बिटिया कहानी ऐसी दोहराये

खट्टा मीठा हर पल साथ मिलकर मनाये

कभी भी कितनी बड़े हम बेश्क हो जाये

मखमली आँचल में हर बार बिटिया बन जाये

एकता कोचर रेलन







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Ektakocharrelan

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