धन्य गुरु गोविंद सिंह

सिखों के दशम गुरु को हमारा शत-शत प्रणाम गुजरी मां शक्ति रूप अमूल्य था उनका योगदान

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 20 Jan, 2021 | 1 min read
Destroy all evils Guru govind singh Sacrifice Power form Dedication

सिखों के दशम गुरु को हमारा शत-शत प्रणाम,

गुजरी मां शक्ति रूप अमूल्य था उनका योगदान।


रख कर पत्थर हृदय पर की ममता कुर्बान,

जन-जन को जागृत किया गुरु ऐसे हुए महान।


सोच में मां सुंदरी गुरु से किया सवाल कहां मेरे लाल,

ह्रदय व्याकुल हो रहा सच से मैं हूँ अन्जान।


पूछ रही थी गुरु से ना दिखे मेरे सुत चार,

गुरुजी बख्शीश करो अब मन का हाल बेहाल।


गुरु गोविंद मुस्कुरा रहे हर ओर तेरे बाल,

तुझको काहे ना दिख रहे नज़र नज़र का कमाल।


वार दिए तेरे चार सुत हजारों का था ख्याल,

देश प्रेम की खातिर दिया उनको देश पर वार।


धन्य गुरु गोविंद सिंह धर्म की खातिर दिए बलिदान,

उनकी शहादत पर जन-जन कहे इक ओंकार।।

एकता कोचर रेलन

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