नन्हें कदम

हाँ!बेटी हूँ पर दयनीय नहीं मैं, सबल बन कुछ कर दिखलाऊँगी।

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 24 Jan, 2021 | 1 min read
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नन्हें कदमों से चाँद- तारें तोड़ लाऊँगी,

जीवन को इंद्रधनुष सा महकाऊँगी।


सक्षम बनकर दीप ऐसा जलाऊँगी,

दे सपनों को आकार ज्ञान फैलाऊँगीं।


पढ़ -लिख कर नभ से मोती चुन ,

इक नया इतिहास बनाऊँगी।


हाँ !बेटी हूँ पर दयनीय नहीं मैं,

सबल बन कुछ कर दिखलाऊँगी।


मैं पढ़ूँगी इक बेहतर इंसान बनूँगी,

 दुनिया में हौसलों का प्रकाश भरुँगी।


आत्मविश्वास और लगन की अलख जगा ,

मैं समाज के लिए दर्पण सा काम करूँगी।


माता-पिता ने जो देखा मेरे लिए ख्वाब,

भूलकर हर सुख परहित में न विराम करुँगी।

एकता कोचर रेलन

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Ektakocharrelan

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