पल भर बैठिए कुछ सुना कीजिए,
यूँ न खुद को हम से जुदा कीजिए।
प्यार है गहरा बेकरार सनम हम,
हमारे अपनेपन को समझा कीजिए।
रूठों न हमसे इश्क का ये नहीं असूल,
खता बख्श कर अब वफ़ा कीजिए।
मिटा मन का मैल भूलिए कहा सुनी,
गिले-शिकवे छोड़ दिल से हँसा कीजिए।
जानते हो तुम तुम्हारी हर बात के कायल,
हमारी ख्वाहिशों को ना अनसुना कीजिए।
ऐ मोहब्बत! कर रही वादा न छोड़ूंगी साथ,
चाहत को चाहे मेरी आजमा लीजिए।
"एकता "कर रही ईश से ढेरों दुआएं,
अब खुद से न हमको जुदा कीजिए।
एकता कोचर रेलन, सोनीपत
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.