हास्य व्यंग्य
🌺शुरू हुई आनलाइन क्लास 🌺
जूम पर चली क्लास
जाने कब खत्म दिन
जाने कब खत्म रात
माता-पिता फंसे बेचारे
फिर सूली पे लटके सारे
कुछ पल चलती क्लास
फिर नेटवर्क में फंसती आवाज
ठीक समय पर टीचर दिखती
उधेड़बुन में है दुनिया दिखती
बच्चे, टीचर बेबस लाचार
जाने कैसा ये अत्याचार
टीचर संग पेरेंट्स भी बने गुरु
इनडोर से फुल टाइम सर्विस शुरू
लोक डाउन में लाइफ की जंग पुरू
बाई तो पहले ही ना आ रही थी
मुश्किल ये और आन खड़ी थी
टक-टकी लगाएं बच्चा बैठा
सारा दिन नेट पर बिताता
सुबह होती जूम क्लास
शाम को वर्क- शीट पर टाइम पास
अब तक कितनी दी थी दुहाई
इंटरनेट से बच्चों दूर रहो भाई
और आगे कहे क्या ना कहे
रंग- बिरंगी दुनिया हमको
मृगमरिचिका सी नज़र आयी
एकता कोचर रेलन
: डिस्क्लेमर : कृपया इसे केवल मनोरंजन के उद्देश्य से ही पड़ें।वैसे मैं यही मानती हूं कि आजकल के इस दौर में इंटरनेट और आनलाइन क्लासेस हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुके है। 🙏
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