आहत है मन!!

आखिर क्यों ??आखिर क्यों ?? लिखनी होगी ये पीड़ा बार-बार!!

Originally published in hi
Reactions 0
544
Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 01 Oct, 2020 | 1 min read

        आहत है मन!!

आहत है मन बस उठ रहा एक ही सवाल

आखिर क्यों ??आखिर क्यों ??

लिखनी होगी ये पीड़ा बार-बार!!

कभी निर्भया, कभी प्रियंका अस्मिता होती तार -तार,

बस करो!ऐ जुल्मी दानव मंच जायेगा अब हाहाकार।

बहुत कोशिशों के बाद भी ना दोगे बेटी को सम्मान,

बन जाएगी बेटियां काली या लेगी दुर्गा का अवतार।

बहती आँखें पोंछ लो बेटी,उठा लो अब खुद हथियार,

चिंगारी बन जला दो उन कुत्तों को जो करे नीचता का काम।

आहत है मन बस उठ रहा एक ही सवाल

आखिर क्यों ??आखिर क्यों ??

लिखनी होगी ये पीड़ा बार-बार!!

व्यथित मन घिनौना कृत्य देख इनका ,

बर्बरता देखो!! निर्दयता इस कदर करे अंगों पर प्रहार।

शिकारी बन घूमते इधर-उधर ,

माँ की कोख को भी करते शर्मसार।

मोमबत्तियां जला कुछ ना होगा हासिल,

उठा लो खुद ही अब हाथों में हथियार।

न घबराओं न सहमों तुम रौंद डालों इन्हें,

जहां -जहां देखो ऐसा दरिंदगी भरा अत्याचार।

आहत है मन बस उठ रहा एक ही सवाल

आखिर क्यों ??आखिर क्यों ??

लिखनी होगी ये पीड़ा बार-बार!!

एकता कोचर रेलन



   

0 likes

Published By

Ektakocharrelan

ektakocharrelanyw9l4

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.