स्पर्श
प्यारी बिटिया आज तुम्हें इक बात बताऊं,
अच्छे बुरे स्पर्श का इक राज समझाऊं।
धरा पर आने से पहले
माँ को तुमने महसूस किया
उसने प्यार से जो सहलाया
स्पर्श से अपनापन जताया
अनमोल स्पर्श का एहसास कराया
जान लो तुम!!
सबसे अनमोल स्पर्श वो प्यारा
मातृत्व की अनुपम छाया
बाबा ने जब- जब रखे सर पर हाथ,
हौसला मिले और मिले विश्वास
उनका स्पर्श पाकर मिले जन्नत सा अहसास
और आशीर्वाद झलके प्यारा -प्यारा
जान लो तुम!!
सबसे अनमोल स्पर्श वो प्यारा
बरगद की सुखद छाया
भाई-बहन का नोक- झोंक भरा स्पर्श
रक्षा का अहसास है प्यारा
खट्टा -मीठा प्यारा-प्यारा
जान लो तुम!!
अनमोल धागों में बंधा
रिश्ता दुनिया में सबसे न्यारा
पर जब भी कोई नज़रे!!
तुम्हारे अन्त:मन को झकझोरे
तुम्हारे कोमल मन को कुम्हलाएं
सिहर उठो तुम बेचैन पाओ खुद को
वो स्पर्श छलनी करता मन को
जान लो तुम!!
संभल जाना स्पर्श वो न होता सुहाना
नन्हा सा मन तुम्हारा जब महसूस करें
कि यूं ही छूना चाहे कोई तुम्हें और भाँप लो तुम
उन ललचाई आंखों का स्पर्श
तुम सहमना नहीं न सकुचाना
डरना नहीं भयभीत ना होना
बन कर अपनी ढाल तुम खुद को बचाना
जान लो तुम!!
संभल जाना स्पर्श वो न होता सुहाना
एकता कोचर रेलन
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