ये कैसा इंसान
ये कैसा किसान
ऐ मेरे देशवासियों !!
कहो तो कौन मचा रहा ये बवाल!!
दुःखी हो रहा ह्रदय
ये कैसी शर्मनाक हरकत
पर्दे के पीछे कर रहा कौन ये काम!!
लग रहा आंतकवाद!!
ये कैसा इंसान
ये कैसा किसान
खुद सुखी खाकर
जो करता सबकी शांत क्षुधा!!
कैसे करूं विश्वास ??
कि नहीं
कौई राज यहां छिपा!!
कौन है जो??
आंतक मचा रहा है!!
मेरे हिंदुस्तान की प्रतिष्ठा पर
ये कौन दाग लगा रहा है????
नहीं ये देश का किसान नहीं
तिरंगे का अपमान कर रहे जो
ये कौई साजिश सी लगती है
लोकतंत्र की गरिमा आहत होती है
एकता कोचर रेलन
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