हाँ मंजिल को पा लूंगी मैं!!!!

हाँ मंजिल को पा लूंगी मैं!!

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 01 Feb, 2021 | 1 min read
Motivational #1000poems

सपना लेकर इन आंखों में,

 नहीं रूकूंगी मैं।

अंबर नीला मन है भीगा,

 हाँ मंजिल को पा लूंगी मैं

माना राह में रूक गये थे,

 बिन सोचे ही थम गये थे।

अब चाहे कुछ भी हो जाये,

 नहीं झुकूंगी मैं,नहीं रूकूंगी मैं।

आओ मिलकर साथ चलूं मैं,

कुछ तुम दौडो ,कुछ तो भागूं मैं।

सपना लेकर इन आंखों में,

 नहीं रूकूंगी मैं।

अंबर नीला मन है भीगा,

 हाँ मंजिल को पा लूंगी मैं

बेखौफ होकर,

    नयी राह बनाये,

 समझे हर दिल को

     और हाले- दिल सुनाये।

आंसू पोंछकर हर मन से अब 

रंजिशें मिटा दूं मैं

देखना ऐ यारो! तुम

 मुकाम अलग ही अब पा जाऊं मैं।

बेखौफ हो कर  नयी राहें बनाऊं,

मुश्किलों को पार मै कर जाऊं।

हाथों की लकीरों को बेहतर बनाऊं ,

दिल की आवाज को दिल में  न दबाऊं मैं

सपना लेकर इन आंखों में,

 नहीं रूकूंगी मैं।

अंबर नीला मन है भीगा,

 हाँ मंजिल को पा लूंगी मैं

एकता कोचर रेलन













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Ektakocharrelan

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