इश्क का चाँद

मेरी जिंदगी में महकता हुआ सा ख्वाब है

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 25 Feb, 2021 | 1 min read
#1000poems

इश्क का चाँद


मेरी जिंदगी में महकता हुआ सा ख्वाब है,

बारिश में भीगे मौसम में सुर्ख गुलाब है।


चँदा की  रोशनी संग मिलने को आया,

चाँदनी  में बिखेरी महक ज्यूँ शबाब है।


अधूरी बातें,अनकहे अहसास फिजाओं में यूँ घुले,

  महसूस किया प्रेम सुनहरा आफताब है।


मिलन  का एहसास रुह में शामिल हुआ,

     निगाहों ने बयां किया हाँ! तू हीं महताब है।


हमसफ़र बन सूनी राहों में अब संग चलना,

 अधूरी ईद को  पूरा करो हाँ !तुम चाँद नायाब हो।


एकता कोचर रेलन, सोनीपत

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