हजारों आए तूफान भले ही राह में,
ये हमको अब झुका ना पाएंगे।
हारेगे ना हम यकीं हैं अब हमको,
एक दिन फतेह को पा जाएंगे।
ये आंधियां ना डगमगा पाएंगी,
निश्चित ही हम जीत जाएंगे।
नित नए सपने बुनेगे अब हम,
फलक तक पहुंच जाएंगे।
थक कर ना बैठगें राह में ,
अंधकार को चीर आएंगे।
तू रख हौसला "एकता" बरकरार,
राह के ये पत्थर जल्द ही ढह जाएंगे।
एकता कोचर रेलन, सोनीपत
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut sundar likhi hai👌👌
शुक्रिया एकता
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