गीत सृजन
मायके का प्यार
मायके जाने को हम हरदम तैयार,
मायके में मिलता लाड़ प्यार।
वो आँगन याद आ रहा है!
वो आँगन याद आ रहा है!
वो हमारे बचपन की पहचान,
माँ -बाबा की अंखियों की शान।
वो हमारी खुशियां!हमारा जहान!
मायके से हम सब सखियां पाएं दुलार।
वो आँगन याद आ रहा है।
वो आँगन याद आ रहा है।
वो हमारा आंगन हमारा गुरुर,
बनी दुनिया की रीत हुए मजबूर।
वो भाई -बहन की यादें खूब,
वो यादों की भीनी बयार।
वो आँगन याद आ रहा है।
वो आँगन याद आ रहा है।
वो माँ का मक्खन और अचार की प्रीत,
पीनी संग भेजे माँ प्रेम की अनोखी रीत।
वो माँ-बाबा के मंगल गीत,
याद आये मायके का स्नेह अपार।
वो आँगन याद आ रहा है।
वो आँगन याद आ रहा है।
भाई-बहन का प्यारा प्यार ,
सखियों संग मीठी तकरार।
जहां मस्ती थी हर क्षण अपार,
जहां सब से जुड़े थे दिल के तार।
वो आँगन याद आ रहा है।
वो आँगन याद आ रहा है।
एकता कोचर रेलन
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