Ektakocharrelan
09 Feb, 2021
मदद
एक वोट के नाम पर ,
घर- घर जाकर मदद मांगते रहे।
जीत गये तो फिर कौन? कहां से हो तुम?
पहचान कर भी टालते रहे!
बड़े बेदर्द से दिखते हैं ये फिर,
चुटकी में बदलते रूख अपना
जो कल तक तलवे चाटते रहे!!
एकता कोचर रेलन
Paperwiff
by ektakocharrelanyw9l4
09 Feb, 2021
मदद
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