Ektakocharrelan
04 Mar, 2021
ऐ औरत
ऐ औरत तू खुद को कर बुलंद इतना
कि करे ना कभी कौई तेरा तिरस्कार
अपने हाथों से खुद को तराश इतना
कि हर पल को तू ले हरदम निखार
तेरे आंसुओं की किम्मत न समझे जमाना
ममता की मूर्त तो बन पर दयनीय न बन
सुबकती मत रह तमाम उम्र तू उठ आगे बढ़
भर दे अपने में इतना विश्वास कि तू
चुनौतियों से लड़ पर तू आगे बढ़
तू अकेले ही काफी है रंग भरने को
एकता कोचर रेलन
Paperwiff
by ektakocharrelanyw9l4
04 Mar, 2021
ऐ औरत
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