Ektakocharrelan
09 Sep, 2020
बुढऊं की शादी और सीख
शादी का इश्तिहार देखा अंकल जी ने,
गए दुल्हनिया लेने फटफट जी ये।
लंबी लाइनों में अपना नंबर लगाया,
बुढऊं रोज पीता था बॉर्नविटा स्वयम्बर जीत आया।
शर्त थी बन कर रहेगी महारानी ,
करेगी मनमानी होगी ना कोई छेड़खानी ।
बूढ़ा बूढ़ऊं अब पछताया सारी फूंक जो दी निकाल ,
नई दुल्हनिया ये कैसी हालत पतली कर दी यार।
सारा पैसा अपने नाम करा लिया,
बूढ़ऊं को लात मार घर से निकाल दिया ।
बूढ़ऊं खूब पछताया की ये शादी थी अंतिम बार,
सीख ली जपूं राम- राम अब ना पढूं कोई इश्तिहार ।
एकता कोचर रेलन
Paperwiff
by ektakocharrelanyw9l4
09 Sep, 2020
बुढऊं की शादी और सीख
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