तस्मै श्री गुरुवे नमः

जहां आज पुरी की पूरी शिक्षण व्यवस्था इंटरनेट के अन्तर्गत समा गई है, तो हमने भी इस शिक्षक दिवस पर अपनी श्रद्धंजलि अपने गुरुओं को इंटरनेट के द्वारा कविता के माध्यम से देने की सोची है।

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Ekta Jha
Ekta Jha 04 Sep, 2020 | 0 mins read

संघर्ष पथ पर पथप्रदर्शक,

ज्ञान का दीपक जलाए,

वाणी की ओजस्ता से,

मन के कितने संशय काट गिराए ,

चुनौतियों में अडिग खड़े,

संकल्प की कीमत बतलाए,

हार का विकल्प ही जिसने,

उर के भीतर से हैं मिटाए।

कठिनाई की घड़ी में हौसला,

आनंद में हरफनमौला,

हंसी ठहाकों के भीतर ही,

सिद्धांतो के मूल्य को बताए,

पुस्तक के पन्नों से कहीं ऊपर,

जीवन शैली के गुर सिखलाए।

मधुर मुस्कान लिए हर क्षण,

विस्मय को हर्ष में बदलाए,

हाथ जो थामे अपने शिष्य का,

जीवन भर वो साथ निभाए।

शब्दों में कहां इतनी क्षमता है,

आप के गुणों को बांध पाए,

निवेदन बस इतना करते हैं,

हर जन्म गुरु रू में आप ही को पाएं।

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Ekta Jha

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