आज अंशिका बेहद खुश थी। उसकी दादी सास आ रही थी जो मुंबई वाले चाचा ससुर के यहां गई हुई थी। चाचाजी को छुट्टी ना मिल पाने के कारण वो लोग शादी में नहीं आ पाए थे।उसका पति आनंद उन्हें लेने रेलवे स्टेशन गया हुआ था। इधर अंशिका और उसकी सास, दादी सास के पसंदीदा व्यंजन बना रहे थे। कचोरियां, पूरी, छोले, हलवा, रायता और दादी की पसंदीदा गुड़ की खीर भी बनी थी।
इतने में आनंद दादी को लेकर आ गया। आज अंशिका ने भी साड़ी पहनी थी और सिर पर पल्लू लिया था आखिर दादी से उसकी पहली मुलाकात जो थी। आते ही अंशिका ने दादी के पैर छुए। दादी ने एक डिबिया उसके हाथ में रख दी और कहा खोल कर देखो। अंशिका ने डिबिया खोलकर देखी तो उसमें एक सुंदर सी अंगूठी थी। अंशिका खुश होकर दादी के गले लग गई। दादी तो हंसी मजाक में भी बहुत माहिर थी।
बहू का बनाया खाना दादी को बेहद पसंद आया। लेकिन वे कुछ परेशान सी लग रही थी। उन्होंने आनंद से कहा "बेटा आज रविवार है और बहू सुबह से काम में लगी हुई है जाओ उसे कहीं घुमा लाओ।"
अंशिका ने कहा "नहीं दादी जी आज आपके साथ समय बिताते हैं।"
दादी ने कहा "मैं थकी हुई हूं, अब आराम करूंगी| बातें कल करेंगे जाओ तुम लोग घूम आओ।"
तैयार होकर आनंद और अंशिका नीचे उतरे। कार में बैठने के बाद आनंद को याद आया कि वह तो अपना वॉलेट ऊपर ही भूल आया है| उसने अंशिका से कहा मैं लेकर आता हूं। वह लेने गया इतने में अंशिका को अपनी सीट के नीचे कुछ चुभता सा महसूस हुआ। वह खड़ी हुई और उसने देखा तो वहां एक आई लाइनर और एक लिपस्टिक पड़ी हुई थी। खोलकर देखा तो कॉफी कलर की लिपस्टिक थी। वह सोच में पड़ गई कि किसकी हो सकती है भला आनंद तो उसे बेहद प्यार करता है। कहीं आनंद की जिंदगी में कोई दूसरी औरत तो नहीं??
यह सोचते ही वह बेहद डर गई। आनंद ने तो उसके साथ प्रेम विवाह किया था| वह आनंद को बेहद पसंद थी। फिर कौन लड़की हो सकती है जो अपना लिपस्टिक और आईलाइनर आनंद की कार में भूल गई वह भी फ्रंट सीट पर?? उसके मन में सवालों का काफिला चलता रहा। लेकिन उसने उस वक्त आनंद से कुछ नहीं पूछा। दोनों एक सिनेमा देखने गए उसके बाद कुछ खाते हुए घर आए तब रास्ते में अंशिका ने आनंद से पूछा-
"क्या मैं तुम्हें पसंद नहीं? या तुम्हारा मन मुझ से भर चुका है?"
अंशिका के अचानक किए गए इस सवाल से आनंद हैरान रह गया। "क्या बकवास कर रही हो? ऐसा क्यों कह रही हो?"
अंशिका ने उसे आई लाइनर और लिपस्टिक दिखाई "ये कार में तुम्हारी आगे की सीट से मिली मुझे। सच-सच बता दो यह लिपस्टिक और आईलाइनर किसकी है? तुम्हारे ऑफिस में जरूर तुम्हारा किसी से चक्कर है, जिसे तुम लिफ्ट देते हो| जरूर तुम्हारी गर्लफ्रेंड की ही है यह।"
दोनों का झगड़ा हो गया और दोनों गुमसुम से घर आए। दादी और सासू मां टीवी देख रही थी। दोनों गुमसुम से अपने कमरे में चले गए। दादी समझ गई थी जरूर कुछ तो हुआ है। रात में आनंद के सोने के बाद अंशिका ने उसका मोबाइल चेक किया। ना तो अंशिका को कोई संदेश दिखा, ना ही कोई कॉल जिस पर संदेह किया जा सके। यह रहस्य खुलने का नाम ही नहीं ले रहा था, आखिर वह कौन होगी?
दूसरे दिन अंशिका ने आनंद का पीछा करने का निश्चय किया। घर का काम फटाफट निपटा कर रहा ब्यूटी पार्लर जाने के बहाने से घर से निकल गई। आनंद के ऑफिस के बाहर स्कार्फ पहने कुछ देर खड़ी रही।
अचानक उसने आनंद को आते देखा लेकिन यह क्या.....वह तो उसके कलीग के साथ चाय पीने आया था।
वह घर लौट आई।
इधर दादी समझ गई थी कि इन दोनों के बीच कुछ मनमुटाव तो है।
रात को खाने के बाद उन्होंने आनंद और अंशिका को अपने कमरे में बुलाया और पूछा।
अंशिका फूट फूटकर रोने लगी और वह लिपस्टिक और आईलाइनर दादी को दिखाते हुए बोली -"आपके पोते की ज़िन्दगी में कोई और आ चुकी है दादी"!
दादी ज़ोर से ठहाका मार कर हंस पड़ी और बोली- "री बावरी बींदनी, ये मेरा सामान है| पर्स में से गिर गया था और मैंने सोचा कि मुंबई वाली बहू ने या तेरी सास ने चुरा तो नहीं लिए!"
अंशिका आश्चर्यचकित होकर देख रही थी।
"अरे अभी तो मैं जवान हूं, मुझे भी हक है श्रृंगार करने का| तेरी सास की तरह नीरस नहीं हूं मैं और तू भी सज संवरकर ही रहा कर, आनंद दीवाना बन आगे पीछे घूमता रहेगा तेरे!"
आनंद और अंशिका शरमा कर वहां से चले गए। आख़िर रहस्य से पर्दा जो उठ चुका था।
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एकता कश्मीरे
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