पिता की सीख
उदित ने अपने पिताजी की दुकान पर अभी अभी बैठना शुरू किया था।आज उसे कोई पुराना ग्राहक 300 की जगह 500 भुगतान कर गया।वह भी खुश हुआ कि चलो पिताजी को बताए बगैर ₹200 जेब खर्च निकल जाएगा।
थोड़ी देर में पिताजी अा गए। उन्होंने उदित को सीख दी -
"बेईमानी का पैसा कभी फलता नहीं, आपको या अगली पीढ़ी को बेईमानी का फल भुगतना ही पड़ता है।"
उदित ने तुरंत उस ग्राहक को फोन लगाकर बताया और उसके खाते में 200/- जमा लिख दिया।
पिता की दी हुई ईमानदारी की सीख से आज उदित एक सुपरमार्केट का मालिक है।
Paperwiff
by ekta