आप लोगों ने अपनी अपनी पत्नियों के मोटापे पर तंज कसते हुए तो कई पति देखे होंगे, लेकिन आज आप एक ऐसे पतिदेव की कहानी सुनेंगे, जो कभी अपनी पत्नी के मोटापे की तारीफ किए बिना नहीं रहते!
तो ये कहानी है इंदौर शहर के एक मध्यमवर्गीय पति मिस्टर रंजन और उनकी (मोटी) पत्नी सुरेखा की! आज तो कमाल हो गया! हमारी श्रीमतीजी आज अपनी प्रिय सखी के साथ कपड़ों की खरीदारी के लिए गईं। जाते ही उन्होंने साड़ी पसंद करके मोलभाव किया| इतने में उन्हें ज़ोर की प्यास लगी। अब इतनी गर्मी में भी दुकानदार ने पानी पिलाने से मना कर दिया! श्रीमती जी ने एक चाल चली। वे घबराहट के साथ चक्कर आने की एक्टिंग करने लगीं। दुकानदार ने सोचा मोटी औरत है कहीं मेरी दुकान में हार्ट अटैक ना आ जाए? मरता क्या ना करता दुकानदार ना सिर्फ बिसलेरी की ठंडी बॉटल ले कर आया बल्कि उसने नींबू पानी भी पिलाया। थोड़ी देर में नॉर्मल होकर श्रीमतीजी ने साड़ियों का पेमेंट किया और निकल लीं।
दूसरा वाकया तब का है जब हम फ्लाइट से मुंबई जाने के लिए सिक्योरिटी चेक इन की लाइन में लगे थे। श्रीमतीजी ने प्रेगनेंट होने का नाटक किया, आगे खड़े सभी लोगों ने रास्ता दिया और सबसे पहले हमारी चेक इन हुई। कसम से उस समय "दीदी तेरा देवर दीवाना" की माधुरी दीक्षित लग रही थी मेरी सुरेखा।
खैर आगे बढ़ते हैं...
कल ऑफिस गया तो उमेश जो मेरे पड़ोसी भी हैं, मंद मंद मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देख रहे थे! पूछने पर बोले कि मेरी पत्नी ने खिड़की से देखा कि कल आपको भाभीजी ने गोद में उठा रखा था!! क्या प्यार है जनाब? मैंने बताया कि भाई ऐसा कुछ नहीं है, मैं पंखा साफ करते हुए स्टूल से गिर गया था तो सुरेखा ने मुझे झेल लिया और मैं गिरने से बच गया।
अब एक और वाकया सुनिए -
पिछले महीने हम गोवा गए थे। मुझ बेचारे को तैरना नहीं आता, एक बड़ी सी लहर आई और मुझे बहा ले गई| अचानक मेरे हाथ में एक खंभा आया और मैंने उसे जोर से पकड़ लिया। लहर के जाने के बाद क्या देखता हूं कि वह कोई खंभा नहीं, श्रीमती जी का पैर था जो मैंने पकड़ रखा था। लहर उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाई थी| मैंने मन ही मन मुझे डूबने से बचाने के लिए पत्नी के मोटापे का शुक्रिया अदा किया।
अब आपको सबसे बढ़िया घटना बताता हूं।
इंदौर में गले से चेन खींचने की घटनाएं बढ़ रही हैं। सुरेखा उस दिन सब्जी लेने जा रही थी और दो बाइक सवारों ने उसकी चेन खींचने की नाकाम कोशिश की। सुरेखा ने तुरंत बेचारे चेन स्नेचर का हाथ पकड़ के उसे बाइक से नीचे पटक दिया| फिर तो उसकी इतनी जम के धुनाई की है कि अगले सात जनम तक वह किसी की चेन नहीं खींचेगा। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
एक बार सिटी बस में भीड़ होने के कारण सुरेखा को सीट नहीं मिली। एक दुबला सा लड़का सीट पर बैठा था। सुरेखा जी ने उसके कान में कुछ कहा तो वह तुरंत वहां से खड़ा हो गया और सुरेखा से बैठने के लिए कहा। बाद में जब श्रीमतीजी से इसका राज़ जानना चाहा तो बोलीं "मैंने सिर्फ इतना ही कहा कि मेरा वज़न 95 किलो है, संतुलन बिगड़ा तो संभाल लेना बेटा! और उसने अपनी सीट मुझे दे दी।"
ये सुनकर मेरे मुंह से बरबस ही ये गाना निकल गया - "जिसकी बीवी मोटी, उसका भी बड़ा नाम है।" और हम दोनों ठहाके मार के हंस पड़े।
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एकता कश्मीरे
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