कितनी बेटियों की अस्मत पर प्रहार क्यू ( इंसाफ कब)?
हॄदय विदारक होता है,
जब गुड़िया, मनीषा,निर्भया नोची जाती है,
कहकर अबला इनको,
फिर कोर्ट में घसीटी जाती है,
जब देश की बेटी की,
अस्मत लूटी जाती है,
इंसाफ की जगह यहां
राजनीतिक रोटियां सेकी जाती है
फिर मीडिया मे बेटी की,
अस्मत को बार-बार उछालता जाता है,
हॄदय विदारक होता है…
न सुनते फरियाद लाडली की,
अपने मद मे चूर रहे,
कितना दर्द झेलती है,
उससे कोई न पूछे
हॄदय विदारक होता है…..
है कानून व्यवस्था बड़ी लचीली
हर पद रुपयों मे बिक जाते है,
बाहुबली के आगे अच्छे -अच्छे झुक जाते है,
हॄदय विदारक होता है …..
चलता सालों साल केस है,
अपराधी मस्त हो जीते है
तारीख पे तारीख मिले कोर्ट से,
फिर रिहा हो जाते है,
हॄदय विदारक होता है …..
जब तक सहती जायेगी,
तब तक मारी जाओगी
अब तुझको ही शस्त्र उठाना होगा,
छोड़ के सीता का रूप,
चंडी बन जाना होगा,
हॄदय विदारक होता है …
कोर्ट भी तू जज भी तू
सबूत भी तू ,जनता भी तू,
खंड खंड कर दे इनको,
बन जा तू रणचंडी ज्वाला,
हॄदय विदारक होता है,
जब,फूलों सी बेटियाँ नोची जाती है,
Nandini
स्वरचित …..✍✍
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत बढ़िया
Thanku ji🙏🙏
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