सभ्य समाज
बेटी से पहले बेटों को सिखाना जरूरी है,
संस्कारों की बेड़ी बेटों को पहनाना जरूरी है।
दिये गये संस्कार बेटों को ,
बेटी बच पायेगी,
बेटों की रही झुकीं नजर,
बेटी नजर उठा चल पायेंगी,
बेटी से पहले बेटों को सिखाना जरूरी है….
क्यू हम बेटी को रोके,
बेटे को क्यू न टोके,
कहते बेटा बेटी एक बराबर,
बेटी पर क्यू जोड़ी बन्दिश
बेटी से पहले बेटों को सिखाना जरूरी है …
सभ्य समाज बनाना है,
दोनो फूल सजाना है,
थामो एक दूजे का हाथ
जब मुश्किल मे पड़ जाये,
जाकर सुरक्षित हाथ बढ़ाया,
बेटी से पहले बेटों को सिखाना जरूरी है …
न कोई रहजन हो
एक दूजे के बन जाये रखवाले,
फिर नयी मिशेल पेश कर जाना है
संगठित हो फिर सभ्य समाज बनाना है …
बेटी से पहले बेटों को सिखाना जरूरी है।
#stop the rape
# paperwiff
Nandini
स्वरचित ……..✍
Kanpur
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
👏👏👏👏👏
Thanku di🙏🙏
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