Durgesh Nandani Agnihotri
19 Oct, 2020
हम अक्सर मिलने आते
हम अक्सर मिलने आते थे,
गुमनाम शहर की गलियारो से,
जहाँ गूंजती है आवाजें,
पर छायी खामोशी की चादर है।
लोग बहुत है फिर भी ,
सबसे अन्दर छायी एक तन्हाई है।
चेहरे पर मुस्काने छायी है,
फिर भी मन मे चलता एक बवंडर है।
Paperwiff
by durgeshnandaniagnihotri
19 Oct, 2020
अक्सर
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