हसीन धोखे की.... क्या ख़ूब निशानी है ।
नहीं सूखा अब तलक आँख का पानी है ।।
न कभी......... इश्क़ के हादसे से गुज़री ।
कितनी नादांँ ,कितनी भोली वो जवानी है ।।
©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी , इंदौर
©काज़ीकीक़लम
इश्क़ और बेवफ़ाई पर दो शे'र
हसीन धोखे की.... क्या ख़ूब निशानी है ।
नहीं सूखा अब तलक आँख का पानी है ।।
न कभी......... इश्क़ के हादसे से गुज़री ।
कितनी नादांँ ,कितनी भोली वो जवानी है ।।
©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी , इंदौर
©काज़ीकीक़लम
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