दो शे'र

दो शे'र

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Dr.Wasif Quazi
Dr.Wasif Quazi 20 Jul, 2022 | 1 min read

 इश्क़ में बिछड़ने का ग़म खाये हैं ।

हम सहरा में प्यास के सताये हैं ।।


अंधेरे में खो गई थी हमारी राहें ।

हम फ़िर हथेली पर जुगनू लाये हैं ।।


©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर

©काज़ीकीक़लम

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