चंद अश'आर

चंद अश'आर ( दो शे'र )

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Dr.Wasif Quazi
Dr.Wasif Quazi 17 Aug, 2022 | 0 mins read

देखकर यूं हर बार मुझे अनदेखा करना ।

इस अदा में कितनी मासूमियत है उनकी ।।


लबों पर ला सकते थे इक दफ़ा नाम मेरा ।

ख़ामुश लब हैं ,जाने क्या नीयत है उनकी ।।


©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी , इंदौर

©काज़ीकीक़लम

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