प्यार में मार

Love geet

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Dr Rekha jain
Dr Rekha jain 13 May, 2022 | 1 min read

प्यार में बहुत ही बहकने लगी।

प्यार की मार भी अब झलकने लगी।1


हादसों ने बहुत तमतमाया हमें

प्यार को जीतने फिर भटकने लगी।2


प्यार में आपने क्यूं सजा दी मुझे

भावनाएं प्रणय की चटकने लगी।3


सह रही प्यार की वह सजा अब तलक ।

उम्रभर मैं प्रणय से सटकने लगी।4


प्यार होगा नही फिर दुबारा से अब ।

कोसती ही हुई मैं निकलने लगी।5

डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद

स्वरचित व मौलिक रचना

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