चैन की नींद

How you sleep well

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Dr Rekha jain
Dr Rekha jain 17 May, 2022 | 1 min read

ग़ज़ल


चैन की नींद


आप तो चैन की नींद सोते रहे।

हम तभी करवटें बदल रोते रहे।,(1)


बाग में फूल कैसे खिलायें बता।

हर जगह आप कांटे सजोते रहे।(2)


वक्त का साथ मिलता रहा अब तलक

वक्त को हाथ से ही पिरोते रहे।,(3)


तर्क पर तर्क वो कर रहे थे सभी।

अब तलक हम सभी बोझ ढोते रहें।(4)


चाहकर भी नहीं चाह पूरी हुई

काम के सिलसिले आह बोते रहे।(5)


डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद

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