प्यार हो तुम मेरे तो दस लोगों के बीच हाथ पकड़ना
तुम्हारा हक है
मगर उन्ही दस लोगों के सामने मुझ पर हाथ उठाना तुम्हारा हक नहीं
अपने काम की वजह से मुझे समय न दे पाना तुम्हारा हक है,
पर मेरी दी हुई आजादी को ग्रांटेड लेना तुम्हारा हक नहीं।
अपनी पसंद के कपड़ोमे मुझे देखना तुम्हारा हक है
पर मुझे खुद की पसंद पहनने से रोकना तुम्हारा हक नहीं।
Written by divya modh
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
वाह
Really nice.
Thank you so much kumar sandeep
Thank you vRiNDa S. CHAUHAN
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