Divya Gosain
Divya Gosain 13 Jun, 2022
मुजीब
गैरों कि बस्ती में तू गिनता रहा ऐब मेरे, नहीं हूं मुजीब मैं इन सवालों का तेरे, तकदीर में लिखा है जो मिल ही जाएगा, बेरूख़ी से कमाया जो फिर फिसल जाएगा। दिव्या G. 💞

Paperwiff

by divyagosain

13 Jun, 2022

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