Divya Gosain
04 Nov, 2022
ख्यालों के बादल
नहीं है जुबां मेरे इन अरमानों की,
बस बात है ख़्वाबों को हकीकत बनाने की,
ख्यालों के बादल जाने कब बरसेंगे,
है ख़्वाहिश फिर काग़ज़ की कश्ती तैराने की।
दिव्या G.
💞
Paperwiff
by divyagosain
04 Nov, 2022
#quotes
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