Divya Gosain
14 May, 2022
नियति
गज़ब है खेल इस नियति का जनाब,
सवालों में यूं उलझे कि जवाब कुछ हमें मिले नहीं,
लालसा उसकी जो लकीरों में लिखा नहीं,
और जो मिला उससे तृप्त हम कभी हुए नहीं।
दिव्या G.
Paperwiff
by divyagosain
14 May, 2022
#shayari
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