Divya Gosain
Divya Gosain 13 Jun, 2022
माह-रू
लकीरों से निकलकर हुए वो मेरे रूबरू, जन्नत कि तलब किसे जब हो साथ मेरे माह-रू, करना इनायत और ठहर जाना पहर दो साथ मेरे, एक उम्र गुज़ार लूं अब बस मैं साथ तेरे। दिव्या G. 💞

Paperwiff

by divyagosain

13 Jun, 2022

Thoughts

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.