Divya Gosain
Divya Gosain 02 Nov, 2022
इब्दिता
इब्दिता से लेकर मुक्कमल इंतिहा तक, बस साथ तेरा रहे इस जहां से उस जहां तक, माना हरीफ़‌ हुआ है ज़माना अभी, बेशक इनायत दरकार है आख़िरी सांस तक। दिव्या G. 💞

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by divyagosain

02 Nov, 2022

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