तिरंगा अपना
तीन रंग का तिरंगा,
त्याग, प्रेम ,हरियाली का सदैव बजाए डंका,
सभ्यता का चक्र अशोक का,
बताएं मंत्र सदैव उन्नति पथ का,
ऐसा अद्भुत तिरंगा अपना,
हवा में जब यह लहराएं,
जन मन गण का विजय गीत सब गाएं,
देख तिरंगे की छवि ,
हम सब अपने में इतराएं- इठलाएं ,
तिरंगे के आगोश में वीर जब सो जाएं,
हर जन्म में भारतीय होने का गौरव वह पाएं,
ऐसी कीर्ति तिरंगे की अपनी,
ऊंची चोटी हिमालय की भी शर्माएं,
विश्व पटल पर भी यह लहराएं,
भारतीयता के विकास को यह दर्शाएं,
सत -सत बार नमन तिरंगे को,
जो यह हमारा अभिमान कहलाएं।।
_---दीपिका राज सोलंकी
Paperwiff
by deepikanarayan